तुम्हारे माथे पर मढ़ी लकीर हूँ मेरी उम्र पे लगी चोट का निशान मिटता नहीं, तुम्हारे माथे पर मढ़ी लकीर हूँ मेरी उम्र पे लगी चोट का निशान मिटता नहीं,
स्वर्णिम अवसर बार -बार नहीं आने वाला। एक नया इतिहास बना दो क्रांति प्रेमियों।। स्वर्णिम अवसर बार -बार नहीं आने वाला। एक नया इतिहास बना दो क्रांति प्रेमियों।...
यही ख़्याल ख़्याल न होकर रूबरू कुछ कह देता। यही ख़्याल ख़्याल न होकर रूबरू कुछ कह देता।
तीन रंगों को, दर्शाता है। तीन रंगों को, दर्शाता है।
मेरी कलम में स्याही नहीं रौशनाई है। मेरी कलम में स्याही नहीं रौशनाई है।